भारत में छुआछूत, विभाजन की मानसिकता, और सनातन भारतीय समाज की संरचना: एक पुनर्विचार
भारत में छुआछूत, विभाजन की मानसिकता, और सनातन भारतीय समाज की संरचना: एक पुनर्विचार भारत, जिसकी सभ्यता हजारों वर्षों से समृद्ध और जटिल रही है, वह एक ऐसी संस्कृति को समेटे हुए है जिसमें सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक ताने-बाने गहरे बंधे हुए हैं। भारतीय समाज की इस संरचना में जाति व्यवस्था, छुआछूत, और विभाजन की मानसिकता ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, यह समझना आवश्यक है कि इस संरचना की मूल भावना में सामाजिक न्याय, समानता और सर्वजन सुखाय का आदर्श निहित है। इस लेख में, हम छुआछूत की उत्पत्ति, अंग्रेजों की विभाजनकारी मानसिकता, कांग्रेस की सत्ता हस्तांतरण के बाद की नीतियों, और भारतीय जाति व्यवस्था की खूबसूरती और समृद्धता को समझने की कोशिश करेंगे। छुआछूत की उत्पत्ति और सामाजिक सुरक्षा छुआछूत की परंपरा का आरंभ भारतीय समाज में एक सामाजिक सुरक्षा उपाय के रूप में हुआ था। मेरे स्वर्गीय दादा जी के अनुसार, छुआछूत का मूल उद्देश्य उन धर्मांतरित लोगों से समाज की रक्षा करना था, जिन्हें मलेच्छ कहा जाता था। ये लोग मुस्लिम शासन के दौरान सनातन धर्म से अलग हुए और एक अलग संस्कृति और जीवन शैली को अपनाया।...