चंद्रशेखर आज़ाद: स्वतंत्रता के प्रतीक
चंद्रशेखर आज़ाद: स्वतंत्रता के प्रतीक चंद्रशेखर आज़ाद, जिनका नाम ही स्वतंत्रता का पर्याय बन गया था, का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके गांव का नाम भाबरा था, जो एक छोटा सा गाँव है। उनके पिता, सीताराम तिवारी, एक विद्वान और पुजारी थे, और उनकी माता, जगरानी देवी, ने उन्हें साहस और ईमानदारी के मूल्य सिखाए। अपने प्रारंभिक वर्षों से ही, चंद्रशेखर अपने विद्रोही स्वभाव के लिए जाने जाते थे, जो अक्सर अपने आस-पास की अन्याय और परंपराओं को चुनौती देते थे। क्रांति की चिंगारी 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड ने युवा चंद्रशेखर के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। जनरल डायर द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर किए गए क्रूर अत्याचार ने उनके मन में गहरा आघात पहुंचाया। इस घटना ने, और भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों ने, उनके भीतर स्वतंत्रता के लिए एक गहरी ज्वाला जगा दी। महात्मा गांधी द्वारा नेतृत्व किए गए असहयोग आंदोलन में शामिल होने का उनका निर्णय उनके समर्पण का प्रमाण था, भले ही इसका मतलब उनकी औपचारिक शिक्षा को छोड़ना हो। एक क्रांतिकारी की यात्रा बनारस में आने के बाद, चंद्रशेखर के...