वस्तु विनिमय परंपरा (Barter)
वस्तु विनिमय परंपरा क्या है? उत्तर: अदल-बदल का व्यापार या व्यवहार करना। यह सिर्फ "एम.बी.ए." का एक विषय नहीं बल्कि सैकड़ों सालों से चली आ रही प्राचीन सनातनी परंपरा है जिसे आज भी हम इस्तेमाल करते हैं, परंतु नाम बदल कर। थोड़ा विस्तार से समझिए - जब किसी एक वस्तु या सेवा के बदले दूसरी वस्तु या सेवा का लेन-देन होता है, तो इसे वस्तु विनिमय (Bartering) कहते हैं। जैसे, एक बैल के बदले 10 बकरियां देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा (रुपया-पैसा) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मुद्रा के प्रादुर्भाव के पहले, सारा लेन-देन (विनिमय) वस्तु विनिमय के रूप में ही होता था। आजकल भी मौद्रिक संकट की स्थितियों में (जब मुद्रा का मूल्य बहुत परिवर्तनशील हो; मुद्रास्फीति के कारण मुद्रा का बहुत ही अवमूल्यन हो गया हो) वस्तु विनिमय का सहारा लिया जाता है। कुछ अंतरजालीय स्थलों जैसे Craigslist आदि पर भी वस्तु विनिमय ही चलता है। कई गाँवों में, मैंने देखा है कि नाई, लोहार और कुम्हार जैसी आवश्यक सेवाएं आज भी इसी तकनीक से चलती हैं। किसान खेती करता है, ग्वाला गौ-पालन कर...