घरेलू ड्राइवर का प्रभाव: सेवा से नियंत्रण तक

आज के तेज़ रफ्तार और व्यस्त जीवन में घरेलू ड्राइवर न केवल परिवार के सुविधाजनक जीवन का हिस्सा बन गए हैं, बल्कि कई बार वे परिवार की सोच, निर्णयों, और सांस्कृतिक प्रवाह को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने लगते हैं। यह लेख एक विशेष अनुभव के आधार पर उस चिंताजनक पक्ष पर प्रकाश डालता है, जहाँ एक ड्राइवर ने अपनी भूमिका को महज़ "सेवा" से बढ़ाकर "नियंत्रण" तक पहुँचा दिया। बातचीत का खुलासा: जब ड्राइवर बना निर्णयकर्ता पुराने दिनों की बात है बातचीत में एक ड्राइवर से यह पूछे जाने पर कि क्या उसकी कंपनी उसे उसके त्योहारों पर छुट्टी देती है, उसने आत्मविश्वास से कहा: "कंपनी में तो नहीं मिलती क्योंकि "वहां हमारी तादाद कम है", लेकिन घर में मेरा ही हुक्म चलता है। वहाँ मैं ही तय करता हूँ कि क्या होगा, कौन करेगा और कैसे होगा। मालकिन और बच्चे पूरी तरह मेरे नियंत्रण में हैं। मैंने घर और कंपनी के सभी आवश्यक सेवाओं वेंडर जैसे - माली हाउसकीपिंग स्टाफ / मेड कुक (रसोइया) धोबी इलेक्ट्रिशियन प्लंबर सिविल वर्क मिस्त्री कारपेंटर पेंटर पीओपी वाला फर्नीचर...