मंडन मिश्र: एक दार्शनिक की जीवन यात्रा
मंडन मिश्र भारतीय दर्शन के महान विभूतियों में से एक थे, जो मुख्य रूप से मीमांसा और अद्वैत वेदांत के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जीवन और कार्य प्राचीन भारतीय दार्शनिक परंपरा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का हिस्सा रहे हैं। यह लेख मंडन मिश्र के जीवन, उनके दार्शनिक योगदान, शंकराचार्य के साथ उनके ऐतिहासिक शास्त्रार्थ और उनकी विरासत को प्रस्तुत करता है। 1. जीवन और पृष्ठभूमि मंडन मिश्र का जन्म मिथिला क्षेत्र के महिषी गांव में हुआ था, जो वर्तमान बिहार राज्य में स्थित है। मिथिला, जो प्राचीन काल से ही विद्वानों का केंद्र रही है, मंडन मिश्र के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बना। वह कुमारिल भट्ट के प्रमुख शिष्य थे, जो मीमांसा दर्शन के प्रसिद्ध आचार्य थे। कुमारिल भट्ट के विचारों से प्रभावित होकर, मंडन मिश्र ने मीमांसा दर्शन में गहरी रुचि विकसित की और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कृतियाँ रचनात्मक रूप से प्रस्तुत की। 2. दार्शनिक योगदान मीमांसा दर्शन : मंडन मिश्र ने मीमांसा दर्शन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कृतियाँ लिखी, जो भारतीय दर्शन में उनका महत्वपूर्ण योगदान साबित हुईं। उनके प्र...