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सामाजिक त्योहारों में भागीदारी और उनकी महत्ता

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  सामाजिक त्योहारों में भागीदारी और उनकी महत्ता सामाजिक त्योहार जैसे होली, विवाह, नगर भोज, दिवाली, गणपति उत्सव, नवरात्रि और छठ पर्व ऐसे अवसर होते हैं जहाँ समाज के सभी लोग – बच्चे, युवा, बुजुर्ग और विवाहित जोड़े – एक साथ आते हैं। इन त्योहारों में भाग लेने से कई फायदे होते हैं। इसे हम पाँच मुख्य बिंदुओं में समझ सकते हैं: 1. धार्मिक महत्व त्योहार हमें अपनी संस्कृति और धर्म से जोड़े रखते हैं। जैसे – होली में रंग खेलने से पहले होलिका दहन किया जाता है, जिससे हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख मिलती है। इसी तरह, छठ पूजा में सूरज की उपासना की जाती है, जिससे हमें प्रकृति के महत्व का ज्ञान होता है। 2. आध्यात्मिक जुड़ाव त्योहार केवल खुशी मनाने के लिए नहीं होते, बल्कि वे हमें आंतरिक शांति और सकारात्मकता भी देते हैं। उदाहरण के लिए, नवरात्रि में नौ दिनों तक उपवास रखने से शरीर और मन दोनों को शुद्ध करने का अवसर मिलता है। इसी तरह, गणेश चतुर्थी पर गणपति की मूर्ति स्थापना और विसर्जन से हमें समर्पण और त्याग की भावना समझ में आती है। 3. सांस्कृतिक पहचान त्योहार हमें हमारी परंपराओं और संस्कारों से जोड़े ...

वस्तु विनिमय परंपरा (Barter)

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वस्तु विनिमय परंपरा क्या है? उत्तर: अदल-बदल का व्यापार या व्यवहार करना। यह सिर्फ "एम.बी.ए." का एक विषय नहीं बल्कि सैकड़ों सालों से चली आ रही प्राचीन सनातनी परंपरा है जिसे आज भी हम इस्तेमाल करते हैं, परंतु नाम बदल कर। थोड़ा विस्तार से समझिए - जब किसी एक वस्तु या सेवा के बदले दूसरी वस्तु या सेवा का लेन-देन होता है, तो इसे वस्तु विनिमय (Bartering) कहते हैं। जैसे, एक बैल के बदले 10 बकरियां देना। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक (सर्वमान्य) इकाई अर्थात मुद्रा (रुपया-पैसा) का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मुद्रा के प्रादुर्भाव के पहले, सारा लेन-देन (विनिमय) वस्तु विनिमय के रूप में ही होता था। आजकल भी मौद्रिक संकट की स्थितियों में (जब मुद्रा का मूल्य बहुत परिवर्तनशील हो; मुद्रास्फीति के कारण मुद्रा का बहुत ही अवमूल्यन हो गया हो) वस्तु विनिमय का सहारा लिया जाता है। कुछ अंतरजालीय स्थलों जैसे Craigslist आदि पर भी वस्तु विनिमय ही चलता है। कई गाँवों में, मैंने देखा है कि नाई, लोहार और कुम्हार जैसी आवश्यक सेवाएं आज भी इसी तकनीक से चलती हैं। किसान खेती करता है, ग्वाला गौ-पालन कर...