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Showing posts from July, 2020

गरीब कैसे भरे बच्चों का स्कूल फी ?

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नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 24 मार्च 2020 को शुरू होने वाला लॉकडाउन 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा COVID-19 महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इस लॉकडाउन का उद्देश्य महामारी के प्रसार को रोकना था। लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ा, खासकर मध्यम वर्ग के लोगों पर। मध्यम वर्ग की समस्याएँ लॉकडाउन के कारण कई उद्योग और व्यवसाय बंद हो गए, जिससे मध्यम वर्ग के कई लोगों की आजीविका प्रभावित हुई। बहुत से उद्योगपतियों ने अप्रैल 2020 और मई 2020 की सैलरी नहीं दी, जिससे मध्यम वर्ग के लोगों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन महीनों में वेतन न मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति और भी गंभीर हो गई। स्कूलों की फीस का मुद्दा इन कठिन परिस्थितियों में, कई स्कूलों ने छात्रों के माता-पिता को SMS भेजकर फीस भरने की मांग की। CBSE बोर्ड से जुड़े स्कूलों ने भी यह संदेश भेजा कि फीस भरने का काउंटर खुला हुआ है और आप अपनी फीस भरें। यह संदेश ऐसे समय में आया जब मध्यम वर्ग के लोगों को अपनी नौकरी और वेतन के बारे में अनिश्चितता थी। सवाल उठते हैं: कैसे संभव है कि...

सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा क्रांति

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बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता देश के बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमें कठोर और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके तहत हमें 6वीं कक्षा से लेकर स्नातक तक की शिक्षा को डिजिटलाइजेशन करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। डिजिटल शिक्षा का महत्व सरकारी स्कूलों की दैनिक कक्षाओं के तर्ज पर वीडियो लेक्चर के माध्यम से सम्पूर्ण देश के बच्चों को एक साथ पढ़ाने और उनका साप्ताहिक ऑनलाइन टेस्ट लेने की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करना चाहिए। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि सभी बच्चों को समान अवसर भी मिलेगा। काबिल शिक्षकों का चयन वीडियो लेक्चर बनाने के लिए देश भर से हर विषय के काबिल और चुनिंदा शिक्षकों को इकट्ठा करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त हो। डिजिटल स्कूल भी नियमित स्कूल की तरह ही अनुशासन के साथ संचालित होना चाहिए, जिसमें कक्षाएं नियमित समय पर शुरू हों और विषयवार दैनिक तौर पर सम्पन्न की जाएं। शिक्षकों की भूमिका में बदलाव सभी माध्यमिक और उच्च विद्यालय के शि...