सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा क्रांति
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बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता
देश के बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमें कठोर और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके तहत हमें 6वीं कक्षा से लेकर स्नातक तक की शिक्षा को डिजिटलाइजेशन करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
डिजिटल शिक्षा का महत्व
सरकारी स्कूलों की दैनिक कक्षाओं के तर्ज पर वीडियो लेक्चर के माध्यम से सम्पूर्ण देश के बच्चों को एक साथ पढ़ाने और उनका साप्ताहिक ऑनलाइन टेस्ट लेने की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करना चाहिए। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि सभी बच्चों को समान अवसर भी मिलेगा।
काबिल शिक्षकों का चयन
वीडियो लेक्चर बनाने के लिए देश भर से हर विषय के काबिल और चुनिंदा शिक्षकों को इकट्ठा करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त हो। डिजिटल स्कूल भी नियमित स्कूल की तरह ही अनुशासन के साथ संचालित होना चाहिए, जिसमें कक्षाएं नियमित समय पर शुरू हों और विषयवार दैनिक तौर पर सम्पन्न की जाएं।
शिक्षकों की भूमिका में बदलाव
सभी माध्यमिक और उच्च विद्यालय के शिक्षकों तथा विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को फिजिकली पढ़ाने के लिए नियुक्त करना चाहिए। इससे प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। वहीं, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को आंगनवाड़ी या अन्य सामाज कल्याण कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
6ठी कक्षा से ऊपर के सभी बच्चों को डिजिटल क्लास के माध्यम से पढ़ाने के लिए भारी-भरकम सर्वर खरीद कर एक प्रशिक्षित सॉफ्टवेयर टीम को काम पर लगाना चाहिए। बच्चे डिजिटल क्लास से सीखेंगे और अपने डिजिटल टेस्ट भी दे सकेंगे, ऐसी व्यवस्था करने से हम एक स्किल्ड और आत्मनिर्भर भारत का सपना शिक्षा के क्षेत्र में भी साकार कर सकेंगे।
सरकारी देखरेख
यह पूरा काम सरकारी देखरेख में होना चाहिए ताकि शिक्षा के क्षेत्र में समानता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। बच्चों को केवल रटाने की बजाय उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाले विषय भी पढ़ाए जाने चाहिए।
आर्थिक प्रभाव
इससे हमारे जीडीपी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन इतना निश्चित है कि देश के बच्चों का भविष्य सुनहरा और उज्ज्वल होगा। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार से देश की अर्थव्यवस्था और समाज दोनों को लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
यह मेरी व्यक्तिगत सोच है और मुझे विश्वास है कि इस दिशा में उठाए गए कदमों से हमारे देश के बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल होगा। आपके वहुमूल्य समय के लिए आपका धन्यवाद।
- बिमलेंद्र झा
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