हिमालय की चार धाम यात्रा: विस्तृत मार्गदर्शिका
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हिमालय की चार धाम यात्रा: विस्तृत मार्गदर्शिका
भूमिका
हिमालयन चार धाम यात्रा उत्तराखंड राज्य के चार प्रमुख तीर्थस्थलों—यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ—की यात्रा को कहा जाता है। यह यात्रा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इस लेख में हम इन चार धामों के मार्ग, यात्रा प्रक्रिया, ठहरने की व्यवस्था, यातायात के साधन, दर्शनीय स्थल, खानपान, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करेंगे।
यमुनोत्री धाम
जाने का मार्ग
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है।
- देहरादून से बस या टैक्सी द्वारा हनुमानचट्टी, और फिर हनुमानचट्टी से जानकीचट्टी तक।
रेल मार्ग:
- निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश हैं।
- रेलवे स्टेशन से हनुमानचट्टी और जानकीचट्टी तक बस या टैक्सी।
सड़क मार्ग:
- दिल्ली से यमुनोत्री तक की दूरी लगभग 450 किलोमीटर है।
- दिल्ली से हरिद्वार, देहरादून, मसूरी होते हुए यमुनोत्री पहुँचा जा सकता है।
यात्रा की प्रक्रिया
- जानकीचट्टी से यमुनोत्री:
- जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक 6 किलोमीटर का ट्रेक करना होता है।
- इस ट्रेक के दौरान खच्चर और पालकी की सुविधा भी उपलब्ध है।
ठहरने की व्यवस्था एवं किराया
- जानकीचट्टी में धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और होटल उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹3000 प्रति रात।
यातायात के साधन एवं किराया
- बस और टैक्सी सेवाएं देहरादून और ऋषिकेश से जानकीचट्टी के लिए उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹2000।
देखने योग्य जगहें
- यमुनोत्री मंदिर
- सूर्य कुंड
- दिव्य शिला
खानपान एवं उनके रेट्स
- थाली: ₹100 से ₹200
- स्नैक्स: ₹20 से ₹50
- चाय/कॉफी: ₹10 से ₹30
एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी
- दिल्ली से हरिद्वार: लगभग 230 किलोमीटर
- हरिद्वार से जानकीचट्टी: लगभग 250 किलोमीटर
स्थलों का महत्व एवं पौराणिक मान्यताएं
- यमुनोत्री मंदिर: यहाँ यमुनाजी की पूजा होती है।
- सूर्य कुंड: एक गर्म पानी का कुंड जहाँ भक्त चावल प्रसाद के रूप में पकाते हैं। और कुंड में स्नान करने से कई प्रकार के शारीरिक रोग से छुटकारा मिल जाता है।
मौसम की जानकारी
- गर्मी: 6°C से 20°C
- मानसून: भारी बारिश और भूस्खलन
- सर्दी: -7°C से 5°C
जाने का उपयुक्त समय
- मई से जून और सितंबर से अक्टूबर।
मंदिर का समय
- खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे
- बंद होने का समय: शाम 8:00 बजे
लोक कथाएं
- पौराणिक मान्यताओं के आधार पर सूर्य देव और संध्या की पुत्री हैं यमुनाजी और इस धाम में उन्ही की पूजा होती हैं।
आवश्यक सामान
- गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज, रेनकोट, टोपी, सनस्क्रीन, दवाइयाँ।
यात्रा पंजीकरण
- यात्रा के लिए पंजीकरण चार धाम यात्रा पोर्टल पर ऑनलाइन या हरिद्वार/ऋषिकेश में पंजीकरण केंद्रों पर किया जा सकता है।
पंडा जी के बारे में
- पंडा जी मंदिर में भक्तों की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों में सहायता करते हैं।
मंदिर के बारे में
- यमुनोत्री मंदिर का निर्माण गढ़वाल नरेश प्रताप शाह ने किया था।
यात्रा पूर्व तैयारी और सावधानियाँ
- शारीरिक फिटनेस जरूरी है।
- पहले से ठहरने और यातायात की व्यवस्था कर लें।
- मौसम की जानकारी लें और उसी अनुसार तैयारी करें।
- पानी, हल्का भोजन, और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
- सुरक्षित मार्ग का पालन करें और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाएँ।
ट्रेकिंग के दौरान धार्मिक स्थलों के नाम
- जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक।
गाइड का शुल्क
- ₹1000 से ₹3000 प्रति दिन।
नदियों और पहाड़ों के बारे में
- यमुना नदी यमुनोत्री से निकलती है।
गंगोत्री धाम
जाने का मार्ग
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है।
- देहरादून से बस या टैक्सी द्वारा गंगोत्री।
रेल मार्ग:
- निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश हैं।
- रेलवे स्टेशन से गंगोत्री तक बस या टैक्सी।
सड़क मार्ग:
- दिल्ली से गंगोत्री तक की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है।
- दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री पहुँचा जा सकता है।
यात्रा की प्रक्रिया
- उत्तरकाशी से गंगोत्री:
- उत्तरकाशी से गंगोत्री तक बस या टैक्सी द्वारा यात्रा।
ठहरने की व्यवस्था एवं किराया
- गंगोत्री में धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और होटल उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹3000 प्रति रात।
यातायात के साधन एवं किराया
- बस और टैक्सी सेवाएं देहरादून और ऋषिकेश से गंगोत्री के लिए उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹2000।
देखने योग्य स्थान
- गंगोत्री मंदिर - गंगाजी का यह मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैंया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते है। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते है।
- गौमुख / गोमुख - भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी ज़िले में गंगोत्री हिमानी का अंतिम छोर है, जहाँ से भागीरथी नदी आरम्भ होती है जो गंगा नदी की एक प्रमुख स्रोतधारा है। 4,023 मीटर (13,200 फुट) पर स्थित यह स्थान हिन्दू धर्म में एक पवित्र स्थल व तीर्थ है। यह गंगोत्री बस्ती एवं मंदिर से लगभग 18 किमी दूर है और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय हाईकिंग पगडण्डी भी यहाँ आती है। गोमुख से 14 किलोमीटर दूर भोजबासा में एक पर्यटक बंगला है जहाँ पर्यटकों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था होती है। सन् 1972 में मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री, शिवसागर रामगुलाम, यहाँ से जल लेकर गए थे, जिसे मॉरीशस में ग्रों बास्सें नामक ज्वालामुखीय झील में मिलाया गया, जिसे गंगा तलाब भी कहा जाता है और जो एक हिन्दू तीर्थस्थल है।
- केदार ताल - हिमालय के सुंदरतम स्थलों में से एक है। यह मध्य हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है इसमें जोगिन शिखर पर्वत श्रृंखला के ग्लेशियरों का पवित्र जल है यह समुद्र तल से १५,००० फुट से कुछ अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इसके पास ही मृगुपंथ और थलयसागर पर्वत हैं। केदारताल से केदारगंगा निकलती है जो भागीरथी की एक सहायक नदी है।
- सूर्य कुंड - गंगोत्री में एक शानदार झरना है, जो गंगोत्री मंदिर से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। इसका धार्मिक महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती सूर्य देव को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां स्नान करती थीं। जब भी सूरज चमकता है तो कुंड में पानी गिरने पर इंद्रधनुष बनता है।
खानपान एवं उनके रेट्स
- थाली: ₹100 से ₹200
- स्नैक्स: ₹20 से ₹50
- चाय/कॉफी: ₹10 से ₹30
एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी
- दिल्ली से हरिद्वार: लगभग 230 किलोमीटर
- हरिद्वार से गंगोत्री: लगभग 270 किलोमीटर
स्थलों का महत्व एवं पौराणिक मान्यताएं
- गंगोत्री मंदिर: यहाँ माँ गंगा की पूजा होती है।
- गौमुख: गंगा नदी का उद्गम स्थल।
मौसम की जानकारी
- गर्मी: 10°C से 15°C
- मानसून: भारी बारिश और भूस्खलन
- सर्दी: -10°C से 5°C
जाने का उपयुक्त समय
- मई से जून और सितंबर से अक्टूबर।
मंदिर का समय
- खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे
- बंद होने का समय: शाम 8:00 बजे
लोक कथाएं
- यहाँ भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया था।
आवश्यक सामान
- गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज, रेनकोट, टोपी, सनस्क्रीन, दवाइयाँ।
यात्रा पंजीकरण
- यात्रा के लिए पंजीकरण चार धाम यात्रा पोर्टल पर ऑनलाइन या हरिद्वार/ऋषिकेश में पंजीकरण केंद्रों पर किया जा सकता है।
पंडा जी के बारे में
- पंडा जी मंदिर में भक्तों की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों में सहायता करते हैं।
मंदिर के बारे में
- गंगोत्री मंदिर का निर्माण गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने किया था।
यात्रा पूर्व तैयारी और सावधानियाँ
- शारीरिक फिटनेस जरूरी है।
- पहले से ठहरने और यातायात की व्यवस्था कर लें।
- मौसम की जानकारी लें और उसी अनुसार तैयारी करें।
- पानी, हल्का भोजन, और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
- सुरक्षित मार्ग का पालन करें और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाएँ।
ट्रेकिंग के दौरान धार्मिक स्थलों के नाम
- गौमुख, केदार ताल।
गाइड का शुल्क
- ₹1000 से ₹3000 प्रति दिन।
नदियों और पहाड़ों के बारे में
- गंगा नदी गौमुख से निकलती है।
केदारनाथ धाम
जाने का मार्ग
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है।
- देहरादून से बस या टैक्सी द्वारा गुप्तकाशी, और फिर सोनप्रयाग।
रेल मार्ग:
- निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है।
- रेलवे स्टेशन से सोनप्रयाग तक बस या टैक्सी।
सड़क मार्ग:
- दिल्ली से केदारनाथ तक की दूरी लगभग 450 किलोमीटर है।
- दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग होते हुए सोनप्रयाग और फिर गौरीकुंड।
यात्रा की प्रक्रिया
- गौरीकुंड से केदारनाथ:
- गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर का ट्रेक करना होता है।
- इस ट्रेक के दौरान खच्चर और पालकी की सुविधा भी उपलब्ध है।
ठहरने की व्यवस्था एवं किराया
- गौरीकुंड और केदारनाथ में धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और होटल उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹3000 प्रति रात।
यातायात के साधन एवं किराया
- बस और टैक्सी सेवाएं देहरादून और ऋषिकेश से गौरीकुंड के लिए उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹2000।
देखने योग्य जगहें
- केदारनाथ मंदिर
- वासुकी ताल
- भीम शिला
खानपान एवं उनके रेट्स
- थाली: ₹100 से ₹200
- स्नैक्स: ₹20 से ₹50
- चाय/कॉफी: ₹10 से ₹30
एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी
- दिल्ली से हरिद्वार: लगभग 230 किलोमीटर
- हरिद्वार से गौरीकुंड: लगभग 250 किलोमीटर
स्थलों का महत्व एवं पौराणिक मान्यताएं
- केदारनाथ मंदिर: यहाँ भगवान शिव की पूजा होती है।
- भीम शिला: यहाँ भीम ने शिवलिंग की स्थापना की थी।
मौसम की जानकारी
- गर्मी: 5°C से 20°C
- मानसून: भारी बारिश और भूस्खलन
- सर्दी: -15°C से 5°C
जाने का उपयुक्त समय
- मई से जून और सितंबर से अक्टूबर।
मंदिर का समय
- खुलने का समय: सुबह 4:00 बजे
- बंद होने का समय: शाम 9:00 बजे
लोक कथाएं
- यहाँ भगवान शिव ने पांडवों को दर्शन दिए थे।
आवश्यक सामान
- गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज, रेनकोट, टोपी, सनस्क्रीन, दवाइयाँ।
यात्रा पंजीकरण
- यात्रा के लिए पंजीकरण चार धाम यात्रा पोर्टल पर ऑनलाइन या हरिद्वार/ऋषिकेश में पंजीकरण केंद्रों पर किया जा सकता है।
पंडा जी के बारे में
- पंडा जी मंदिर में भक्तों की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों में सहायता करते हैं।
मंदिर के बारे में
- केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था।
यात्रा पूर्व तैयारी और सावधानियाँ
- शारीरिक फिटनेस जरूरी है।
- पहले से ठहरने और यातायात की व्यवस्था कर लें।
- मौसम की जानकारी लें और उसी अनुसार तैयारी करें।
- पानी, हल्का भोजन, और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
- सुरक्षित मार्ग का पालन करें और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाएँ।
ट्रेकिंग के दौरान धार्मिक स्थलों के नाम
- गौरीकुंड से केदारनाथ तक।
गाइड का शुल्क
- ₹1000 से ₹3000 प्रति दिन।
नदियों और पहाड़ों के बारे में
- मंदाकिनी नदी केदारनाथ से निकलती है।
बद्रीनाथ धाम
जाने का मार्ग
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है।
- देहरादून से बस या टैक्सी द्वारा बद्रीनाथ।
रेल मार्ग:
- निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश हैं।
- रेलवे स्टेशन से बद्रीनाथ तक बस या टैक्सी।
सड़क मार्ग:
- दिल्ली से बद्रीनाथ तक की दूरी लगभग 530 किलोमीटर है।
- दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश, जोशीमठ होते हुए बद्रीनाथ पहुँचा जा सकता है।
यात्रा की प्रक्रिया
- जोशीमठ से बद्रीनाथ:
- जोशीमठ से बद्रीनाथ तक बस या टैक्सी द्वारा यात्रा।
ठहरने की व्यवस्था एवं किराया
- बद्रीनाथ में धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और होटल उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹3000 प्रति रात।
यातायात के साधन एवं किराया
- बस और टैक्सी सेवाएं देहरादून और ऋषिकेश से बद्रीनाथ के लिए उपलब्ध हैं।
- किराया: ₹500 से ₹2000।
देखने योग्य जगहें
- बद्रीनाथ मंदिर
- तप्त कुंड
- नीलकंठ पर्वत
खानपान एवं उनके रेट्स
- थाली: ₹100 से ₹200
- स्नैक्स: ₹20 से ₹50
- चाय/कॉफी: ₹10 से ₹30
एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी
- दिल्ली से हरिद्वार: लगभग 230 किलोमीटर
- हरिद्वार से बद्रीनाथ: लगभग 300 किलोमीटर
स्थलों का महत्व एवं पौराणिक मान्यताएं
- बद्रीनाथ मंदिर: यहाँ भगवान विष्णु की पूजा होती है।
- तप्त कुंड: यहाँ गर्म पानी के कुंड में स्नान किया जाता है।
मौसम की जानकारी
- गर्मी: 7°C से 18°C
- मानसून: भारी बारिश और भूस्खलन
- सर्दी: -5°C से 10°C
जाने का उपयुक्त समय
- मई से जून और सितंबर से अक्टूबर।
मंदिर का समय
- खुलने का समय: सुबह 4:30 बजे
- बंद होने का समय: रात 9:00 बजे
लोक कथाएं
- यहाँ भगवान विष्णु तपस्या करते थे।
आवश्यक सामान
- गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज, रेनकोट, टोपी, सनस्क्रीन, दवाइयाँ।
यात्रा पंजीकरण
- यात्रा के लिए पंजीकरण चार धाम यात्रा पोर्टल पर ऑनलाइन या हरिद्वार/ऋषिकेश में पंजीकरण केंद्रों पर किया जा सकता है।
पंडा जी के बारे में
- पंडा जी मंदिर में भक्तों की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों में सहायता करते हैं।
मंदिर के बारे में
- बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य ने किया था।
यात्रा पूर्व तैयारी और सावधानियाँ
- शारीरिक फिटनेस जरूरी है।
- पहले से ठहरने और यातायात की व्यवस्था कर लें।
- मौसम की जानकारी लें और उसी अनुसार तैयारी करें।
- पानी, हल्का भोजन, और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
- सुरक्षित मार्ग का पालन करें और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाएँ।
ट्रेकिंग के दौरान धार्मिक स्थलों के नाम
- नीलकंठ पर्वत, तप्त कुंड।
गाइड का शुल्क
- ₹1000 से ₹3000 प्रति दिन।
नदियों और पहाड़ों के बारे में
- अलकनंदा नदी बद्रीनाथ से निकलती है।
निष्कर्ष
चार धाम यात्रा एक धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा है जो श्रद्धालुओं को जीवन में एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है। इस यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक स्थल सभी मिलकर एक अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं। उचित तैयारी, स्वास्थ्य, और सावधानियों के साथ यह यात्रा करना जरूरी है। यह लेख आपकी यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने में सहायक होगा। शुभ यात्रा!
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