क्रेडिट कार्ड - Credit Card
क्रेडिट कार्ड आपको कर्ज में जीने के लिए प्रेरित करता है, इसलिए इसे तुरंत छोड़ दें। क्रेडिट कार्ड से जो भी लेन-देन आप करते हैं, वह सब डेबिट कार्ड के माध्यम से भी किया जा सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि डेबिट कार्ड से आप अपनी "स्वयं की कमाई" खर्च करते हैं जबकि क्रेडिट कार्ड से आप "ऋण पर ली गई राशि" खर्च करते हैं।
उदाहरण 1: मान लीजिए, आप अपने दोस्तों के साथ बाहर खाना खाने जाते हैं। अगर आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आप शायद ज़रूरत से ज़्यादा खर्च कर देंगे क्योंकि आपको तुरंत पैसे देने की चिंता नहीं होती। लेकिन, जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है, तो आपको ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ता है। इसके विपरीत, अगर आप डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आप केवल वही खर्च करेंगे जो आपके बैंक खाते में उपलब्ध है।
उदाहरण 2: मान लीजिए, आप एक नया स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं। क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर आपको उसे किस्तों में चुकाना पड़ सकता है, जिसमें ब्याज भी शामिल होता है। जबकि डेबिट कार्ड से खरीदने पर आप केवल उतना ही खर्च करेंगे जितना आपके पास पहले से मौजूद है, और आपको कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा।
क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने पर आपको ब्याज देना पड़ता है, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है। इसके विपरीत, डेबिट कार्ड से आप उतना ही खर्च कर सकते हैं जितना आपके खाते में पहले से मौजूद है। इस प्रकार, डेबिट कार्ड का उपयोग आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है और अनावश्यक कर्ज में फंसने से बचाता है।
अगर हम सभी क्रेडिट कार्ड का उपयोग कम करें और डेबिट कार्ड या नकदी का उपयोग अधिक करें, तो हम अपनी व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं। साथ ही, इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। आत्मनिर्भरता का वास्तविक अर्थ तभी साकार होगा जब हम अपने साधनों के भीतर रहकर खर्च करेंगे और कर्ज में डूबने से बचेंगे।
इस मानसिकता को बदलें, तभी देश भारत में वास्तविक "आत्मनिर्भरता" आएगी। आत्मनिर्भर भारत आंदोलन का समर्थन करें और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाएं।
धन्यवाद।
- बिमलेन्द्र झा
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