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भारतीय दर्शन शास्त्र और उनके रचयिता एवं आधुनिक प्रचारक

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भारतीय दर्शन शास्त्र और उनके रचयिता एवं आधुनिक प्रचारक  भारतीय दर्शन शास्त्र के छह प्रमुख शास्त्र और उनके रचयिता निम्नलिखित हैं, साथ ही आधुनिक समय में उनके प्रचारकों का विवरण भी दिया गया है: 1. सांख्य दर्शन रचयिता: महर्षि कपिल आधुनिक प्रचारक: स्वामी विवेकानंद, श्री अरविंद 2. योग दर्शन रचयिता: महर्षि पतंजलि आधुनिक प्रचारक: स्वामी विवेकानंद, बी.के.एस. अयंगर, परमहंस योगानंद 3. न्याय दर्शन रचयिता: गौतम (गौतम मुनि) आधुनिक प्रचारक: जॉर्ज थिबाउट (विदेशी विद्वान जिन्होंने न्याय दर्शन का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया) 4. वैशेषिक दर्शन रचयिता: कणाद (कणाद मुनि) आधुनिक प्रचारक: डॉ. एस. राधाकृष्णन (भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति, जो भारतीय दर्शन के महान विद्वान थे) 5. मीमांसा दर्शन रचयिता:  महर्षि जैमिनि आधुनिक प्रचारक: स्वामी दयानंद सरस्वती (आर्य समाज के संस्थापक), मंडन मिश्र 6. वेदांत दर्शन रचयिता: वेदव्यास (शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत का प्रचार किया) आधुनिक प्रचारक: स्वामी विवेकानंद, स्वामी चिन्मयानंद, रामकृष्ण परमहंस, रमण महर्षि आधुनिक समय में प्रचारक आधुनिक युग म...

सत्वा शक्ति शेक: एक स्वादिष्ट और सेहतमंद पेय

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यह शेक बहुत ही पौष्टिक और ताकत देने वाला होता है। इसे बनाना भी बहुत आसान है। इसमें कई ऐसे तत्व हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में! सामग्री और मात्रा: सत्तू: 2 चम्मच (यह हमारे शरीर को प्रोटीन और फाइबर देता है, जिससे पाचन अच्छा होता है और हमें ऊर्जा मिलती है।) दूध: 1 ग्लास (दूध हमारे शरीर को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और प्रोटीन देता है।) सौंफ: 1 चम्मच (सौंफ पेट को ठीक रखने और सूजन कम करने में मदद करता है।) शहद: 1 चम्मच (शहद से शेक में मिठास आती है और यह हमारी सेहत के लिए भी अच्छा होता है।) खजूर: 2 (खजूर से हमें जल्दी ऊर्जा मिलती है और यह हमारे शरीर को पोषण भी देता है।) किशमिश: 8 (किशमिश मीठी होती है और इससे शेक का स्वाद और भी अच्छा हो जाता है।) घी: 1 चम्मच (घी हमारे पाचन के लिए अच्छा होता है और इससे हमारी त्वचा भी चमकदार होती है।) हल्दी: 1/4 चम्मच (हल्दी से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और यह सूजन को भी कम करती है।) गुड़: छोटा टुकड़ा (गुड़ से शेक में मिठास आती है और यह शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है।) केला: 2 (केला खाने से हमें ताक...

भारत और बांग्लादेश: सैन्य क्षमताओं का तुलनात्मक विश्लेषण

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भारत और बांग्लादेश , दोनों दक्षिण एशियाई देश, अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों के लिए जाने जाते हैं। हालाँकि, दोनों देशों के बीच सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय अंतर है। यह अंतर न केवल उनकी सुरक्षा नीति और क्षेत्रीय स्थिरता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इन देशों की वैश्विक शक्ति संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में, हम भारत और बांग्लादेश के आयुधों और सैन्य क्षमताओं की तुलना करेंगे, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि दोनों देशों की सैन्य शक्तियाँ किस प्रकार भिन्न हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच सैन्य शक्ति की तुलना करते समय, हमें विभिन्न प्रकार के आयुधों और सैन्य क्षमताओं को ध्यान में रखना होगा। यहाँ एक तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है: इस तुलनात्मक विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि भारत की सैन्य क्षमता और आयुध बांग्लादेश की तुलना में कहीं अधिक और विविधतापूर्ण हैं। यह शक्ति संतुलन न केवल भारत की क्षेत्रीय प्रभुत्व को दर्शाता है, बल्कि इसके राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में, भारत क...

भारत-बांग्लादेश सीमा पर संभावित हिन्दू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए एक नया दृष्टिकोण

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श्री नरेंद्र मोदी जी को प्रणाम! बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए और बांग्लादेशी हिंदुओं के भारत वापसी की मीडिया और सोशल मीडिया में हो रही चर्चाओं के मद्देनजर, मेरे मन में एक विचार आया है जिसे मैं आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूँ। मेरी बातों को बिल्कुल उसी प्रकार से देखें जैसे परिवार का कोई सदस्य अपने अभिभावक (परिवार के मुखिया) को कोई सुझाव देता है। विचार करने के बाद यदि सुझाव उचित लगे तो उसे कार्यान्वित किया जाए, अन्यथा मुखिया के द्वारा "यह उचित नहीं होगा" कहकर सुझाव को इग्नोर कर दिया जाए। विचार : बांग्लादेश से जो हिंदू शरणार्थी बनकर भारत आना चाहते हैं, उनकी बांग्लादेश में कुल जमीन और संपत्ति की गणना करके, उसी के बराबर क्षेत्रफल की जमीन बांग्लादेश भारत को सौंप दे। इसके बाद, भारत तुरंत प्रभाव से उस जमीन पर फेंसिंग करके अपने अधिकार में ले ले और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए निर्माण कार्य शुरू करे। ऐसा करने से शरणार्थियों को टीन और प्लास्टिक के बोरियों से बने घरों में नहीं रहना पड़ेगा और उन्हें शरणार्थी का टैग भी नहीं पहनना पड़ेगा। यह एक ऐतिहासिक घटना बनेगी और जहां भी ...

सनातन भारतीय परिवारों में माता एवं पिता के मातृवंश और पितृवंश के संबंधों की 11 पीढ़ियों का विवरण

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सनातन भारतीय परिवारों में माता एवं पिता के  मातृवंश और पितृवंश के संबंधों की 11 पीढ़ियों का विवरण नीचे दिया गया है। 👉 माता के मातृवंश के दस पीढ़ियों के रिश्तों के नाम: 1) आपका नाम - 2) माँ - आपकी माता का नाम - 3) मातरमाँ - माँ की माँ - नानी का नाम - 4) मातरपितामह - आपकी मातरमाँ के पिता का नाम - 5) मातरप्रपितामह - आपकी मातरपितामह के पिता का नाम - 6) मातरप्रप्रपितामह - आपकी मातरप्रपितामह के पिता का नाम - 7) मातरप्रपारपितामह - आपकी मातरप्रप्रपितामह के पिता का नाम - 8) मातरप्रप्रपितामह - आपकी मातरप्रपारपितामह के पिता का नाम - 9) मातरप्रप्रप्रपितामह - आपकी मातरप्रप्रपितामह के पिता का नाम - 10) मातरप्रप्रप्रपारपितामह - आपकी मातरप्रप्रप्रपितामह के पिता का नाम - 11) मातरप्रप्रप्रप्रपितामह - आपकी मातरप्रप्रप्रपारपितामह के पिता का नाम - 👉 माता के पितृवंश के दस पीढ़ियों के रिश्तों के नाम: 1) आपका नाम - 2) माता - आपकी माता का नाम - 3) नाना - आपके नाना का नाम - 4) परनाना - आपके नाना के पिता का नाम - 5) प्रप्रनाना - आपके परनाना के पिता का नाम - 6) प्रपारनाना - आपके प्रप्रनाना के पिता का नाम - ...